राष्ट्रीय खेलों को सफल बनाने में बेटियां दे रहीं सक्रिय योगदान : मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड(देहरादून),शुक्रवार 07 फरवरी 2025

राष्ट्रीय खेलों में बड़ी संख्या में महिला वाॅलंटियरों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है। मैदान के भीतर ही नहीं बल्कि बाहर भी बेटियां जमकर पसीना बहा रही हैं। खेलों की अहम व्यवस्थाओं में 1053 महिला वाॅलंटियरों को ड्यूटी पर लगाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों में हम बेटियों के जज्बे और हौसले को लगातार देख रहे हैं। विभिन्न खेलों में बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और मेडल जीते हैं। खेलने के अलावा इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बेटियां अपनी-अपनी भूमिकाओं में सक्रिय योगदान कर रही हैं। तमाम व्यवस्थाओं में वह कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही हैं, यह सराहनीय है।

उन्हाेंने कहा कि उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल के अलावा तमाम अन्य क्षेत्रों में भी देश-दुनिया को महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है। एक हजार से ज्यादा महिला वाॅलंटियरों का राष्ट्रीय खेलों से सीधे जुड़ाव महिला सशक्तीकरण की सुंदर तस्वीर बना रहा है।

वाॅलंटियर बनने के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय ने तीस हजार से ज्यादा पंजीकरण किए थे। प्रारंभिक परीक्षा और प्रशिक्षण के बाद पूरे प्रदेश में 2451 वाॅलंटियरों को व्यवस्थाओं से जोड़ा गया। इनमें से पुरुष वाॅलंटियरों की संख्या 1398 है। कुल तैनात वाॅलंटियरों में पुरुष वाॅलंटियर 57.4 प्रतिशत हैं, जबकि 42.96 प्रतिशत महिला वाॅलंटियर ड्यूटी कर रही हैं। यह सारे वाॅलंटियर सामान्य हैं, जिन्हें पार्किंग, खिलाड़ियों को लाने-ले जाने, मेडल सेरेमनी के दौरान सहयोग करने जैसे कार्यों में लगाया गया है। इनके अलावा, नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया से संबद्ध विशिष्ट वाॅलंटियर भी अपना अलग से योगदान कर रहे हैं। उनकी खेल पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें खेल गतिविधियों से सीधे जोड़ा गया है।

बतौर वाॅलंटियर राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनी हूं, यह बड़ी बात है- कोटद्वार की रहने वाली मानसी दून विश्वविद्यालय से मीडिया एंड माॅस कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही है। वह वाॅलीबाॅल की खिलाड़ी भी हैं। वह कहती है-बहुत कम ऐसे अवसर मिलते हैं। मैं इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहती थी। बतौर वाॅलंटियर राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनी हूं, यह बड़ी बात है। देहरादून की रहने वाली रिदिमा का भी यही कहना है। वह कहती है-इतने बडे़ आयोजन से जुड़कर एक्सपोजर मिलता है। इसके अलावा, अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वह दूसरे मैच भी देख पा रही है। रिदिमा बाॅस्केटबाॅल खेलती है। गौचर-चमोली की रहने वाली स्नेहा आर्या कहती है-राष्ट्रीय खेलों के बडे़ आयोेजन में जुड़ना गौरवान्वित करने वाला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!