गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न- राज्यपाल ने भारत को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाने के लिए कार्य करने का किया आह्वान

उत्तराखंड(देहरादून),गुरुवार 28 नवंबर 2024

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में बुधवार को राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने शिरकत की। उन्होंने उत्तीर्ण छात्रों को डिग्री और मेडल प्रदान किए। इस अवसर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान और पद्मश्री प्रेम चंद्र शर्मा को विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

दीक्षांत समाराेह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों जैसे जेनेटिक मॉडिफिकेशन के माध्यम से कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा सकता है।इस माैक पर राज्यपाल ने कहा कि जो छात्र यहां से उपाधि प्राप्त कर रहे हैं, वे अपने माता-पिता का आशीर्वाद अवश्य लें। उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय के कृषि क्षेत्र में किए गए योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्थान नई तकनीकों और शोध के माध्यम से किसानों को सशक्त बना रहा है। उन्होंने हनी, अरोमा और मिलेट को बढ़ावा देने पर जोर दिया और छात्रों को किसानों के जीवन को बेहतर बनाने, सतत विकास को प्रोत्साहन देने और भारत को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा ने बदलते वातावरण के अनुरूप शोध और प्रसार कार्यों को बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पंतनगर से डिग्री लेकर देश-विदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे छात्र विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता का प्रतीक हैं। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने जैविक खेती और मोटे अनाजों पर जोर देते हुए बताया कि उत्तराखंड में 2025 तक जैविक खेती का स्तर 50 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने किसानों को आठ हजार मौन पालन परियोजनाओं से जोड़ने की जानकारी दी। पद्मश्री प्रेम चंद्र शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह वातावरण को शुद्ध रखने और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है। कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने पंतनगर विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की विकसित 355 उन्नत फसलों की किस्में और पशुओं की दो नस्लें किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण रही हैं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू करने पर भी प्रकाश डाला।समारोह के अंत में कुलपति ने छात्रों को दीक्षा दी। इस माैके अतिथियाें ने ‘विश्वविद्यालय की गत दो वर्ष की उपलब्धियां’ पुस्तक का विमोचन भी किया।

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